तेल की कीमतों में उछाल क्यों आ रहा है? जानिए इसका कारण और आम आदमी पर असर

तेल की कीमतों में उछाल
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तेल की कीमतों में उछाल 2025

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें: आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?

तेल की कीमतों में उछाल पिछले कुछ हफ्तों से दुनियाभर के बाज़ारों में कच्चे तेल की कीमतें तेज़ी से बढ़ रही हैं। कुछ समय पहले तक ब्रेंट क्रूड की कीमत जहां करीब 75 डॉलर प्रति बैरल थी, अब वो बढ़कर 82 से 85 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है।

अब आप सोच रहे होंगे — इससे हमें क्या फर्क पड़ता है? फर्क बहुत है, खासकर भारत जैसे देश में, जहां हम अपनी ज़रूरत का 80% से ज़्यादा कच्चा तेल आयात करते हैं। ऐसे में अगर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल महंगा होता है, तो सीधा असर हमारे पेट्रोल-डीज़ल के दामों और बाकी चीज़ों पर पड़ता है।


क्यों बढ़ रही हैं तेल की कीमतें?

तेल की कीमतों में उछाल के पीछे कुछ बड़े कारण हैं:

  • मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव: जैसे कि इराक, ईरान या रूस-यूक्रेन जैसे इलाकों में जारी तनाव तेल की सप्लाई पर असर डालता है।

  • OPEC देशों की उत्पादन कटौती: तेल निर्यातक देशों का समूह (OPEC) जब उत्पादन घटाता है, तो कीमतें बढ़ती हैं।

  • अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों में डिमांड बढ़ना: जब इन देशों में आर्थिक गतिविधियां तेज़ होती हैं, तो तेल की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतें चढ़ती हैं।

 

तेल की कीमतों में उछाल

अचानक तेल की कीमतों में उछाल क्यों?

तेल की कीमतें ेल की कीमतों में उछाल  हमेशा अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से प्रभावित होती हैं। इस बार जो मुख्य कारण उभरकर आए हैं, वे हैं:

  1. इज़राइल और ईरान के बीच तनाव:
    बीते कुछ दिनों में इज़राइल ने ईरान पर हवाई हमला किया, जिसमें कई रणनीतिक और परमाणु ठिकाने तबाह कर दिए गए। इसके बाद ईरान की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
    यह मध्य-पूर्व क्षेत्र दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक जगहों में से एक है। ऐसे में युद्ध या अस्थिरता के संकेत से बाजार में डर पैदा होता है, जिससे कीमतें ऊपर जाने लगती हैं।

  2. OPEC+ देशों का उत्पादन कम करना:
    OPEC+ (जिसमें सऊदी अरब, रूस आदि शामिल हैं) ने फिर से तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की है, ताकि कीमतें स्थिर बनी रहें। कम आपूर्ति और अधिक मांग का सीधा असर होता है – कीमतें बढ़ जाती हैं।

  3. अमेरिका में कच्चे तेल का भंडारण गिरना:
    अमेरिका के एनर्जी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में पता चला कि अमेरिकी भंडार में कच्चे तेल की मात्रा पिछले महीने की तुलना में गिर गई है। यह भी एक कारण है कि कीमतें ऊपर जा रही हैं।

तेल की कीमतों में उछाल
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भारत पर क्या असर पड़ेगा?

तेल की कीमतों में उछाल भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। ऐसे में तेल की बढ़ती कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर डालती हैं:

  1. पेट्रोल और डीज़ल महंगे हो सकते हैं:
    हालांकि भारत सरकार एक्साइज ड्यूटी और टैक्स के माध्यम से कीमतों को कंट्रोल करती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बहुत ज्यादा उछाल होने पर कंपनियां धीरे-धीरे कीमतें बढ़ा देती हैं।

  2. ट्रांसपोर्ट और फूड महंगे:
    डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर ट्रक और माल ढुलाई पर होता है। इस वजह से फल, सब्जी, दूध जैसे रोज़मर्रा की चीजें भी महंगी हो सकती हैं।

  3. मुद्रास्फीति (Inflation) का खतरा:
    तेल की कीमतों में उछाल बढ़ती तेल कीमतों से महंगाई का दबाव बढ़ता है। RBI को ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है, जिससे लोन महंगे हो जाते हैं।

सरकार की रणनीति क्या हो सकती है?

तेल की कीमतों में उछाल भारत सरकार आम तौर पर इन परिस्थितियों में कुछ कदम उठाती है:

  • एक्साइज ड्यूटी में कटौती:
    अगर कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ेंगी तो सरकार टैक्स में कुछ राहत दे सकती है।

  • वैश्विक दबाव के बावजूद स्थिर मूल्य नीति:
    पेट्रोलियम कंपनियों को कहा जाता है कि वो दाम ना बढ़ाएं ताकि जनता पर बोझ कम पड़े।

  • कच्चे तेल का रणनीतिक भंडारण:
    भारत ने  तेल भंडार क्षमता बढ़ाई है ताकि ऐसे समय में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।

वैश्विक प्रभाव और आगे का अनुमान

  • अगर इज़राइल–ईरान में युद्ध होता है, तो तेल और महंगा हो सकता है, और इसकी कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती है।

  • OPEC+ की नीति भी कीमतों को ऊपर बनाए रखने का प्रयास कर रही है।

  • अगर अमेरिका और चीन जैसे बड़े देश खरीदना कम करते हैं, तो कुछ राहत मिल सकती है।

 

तेल की कीमतों में उछाल वैश्विक अस्थिरता और रणनीतिक निर्णयों का परिणाम है। इसका असर हर देश और हर नागरिक पर पड़ता है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

आम नागरिकों को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए और खर्चों को थोड़ा नियंत्रित रखना होगा क्योंकि आने वाले दिनों में पेट्रोल, डीज़ल और रोज़मर्रा की चीजों के दाम ऊपर जा सकते हैं।

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