
🔍 भारतीय रिज़र्व बैंक ने की 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती:
RBI रेपो रेट कटौती 2025 | 9 जून 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सभी को हैरान करते हुए,रेपो रेट को 0.50% (यानि 50 बेसिस पॉइंट) कम किया गया है।
📌 रेपो रेट क्या है?
RBI रेपो रेट कटौती 2025 रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI, वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। इसका सीधा असर आपकी:
Home Loan EMI
Car Loan
Personal Loan
FD और RD के ब्याज पर असर होता है।
रेपो रेट कम होने का फायदा सिर्फ बैंकों को ही नहीं, बल्कि ग्राहकों को भी होता है।

📉 RBI का फैसला क्यों?
RBI रेपो रेट कटौती 2025 | RBI ने यह कटौती कुछ मुख्य कारणों से की:
आर्थिक विकास धीमा पड़ रहा था – GDP ग्रोथ अनुमान से कम रहा।
निजी निवेश में गिरावट आई थी – उद्योगों को नए निवेश के लिए प्रोत्साहन चाहिए।
महंगाई में थोड़ी नरमी – खुदरा महंगाई (CPI) अप्रैल-मई में 5% के नीचे रही।
वैश्विक रुझान – अमेरिका और यूरोप में भी ब्याज दरों में कटौती शुरू हो गई थी।
RBI गवर्नर ने कहा, “यह फैसला देश की आर्थिक पुनरुद्धार को गति देने के लिए जरूरी है।”
🏦 आम लोगों पर क्या असर?
✅ 1. कर्ज सस्ता होगा
Home loan और auto loan की EMI कम हो सकती है। 30 लाख के होम लोन पर करीब ₹700–₹1000 प्रति माह की बचत संभव है।
✅ 2. नए निवेश को बढ़ावा
ब्याज दर कम होने से कंपनियों को लोन लेना सस्ता होगा, जिससे नई फैक्ट्रियां लग सकती हैं और रोजगार बढ़ सकता है।
❌ 3. बचत खातों में ब्याज कम किया जा सकता है।
बचत खातों में ब्याज कम किया जा सकता है।
एफ़डी (FD) पर ब्याज भी कम हो सकता है, और यह उन लोगों के लिए नुकसानदायक है जो एफ़डी से मुनाफा कमाते हैं।

📊 बाजार की प्रतिक्रिया
RBI रेपो रेट कटौती 2025 |
RBI के फैसले के बाद Nifty और Sensex में 1.5% की उछाल देखी गई।
बैंकिंग, वित्तीय कंपनियों और व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों को इसका सबसे अधिक लाभ हुआ।
रुपया अब डॉलर के मुकाबले मजबूत हो सकता है,
क्योंकि विदेशी निवेश बढ़ेगा और विदेशी कंपनियों की भारत में पूंजी निवेश करने की रुचि भी बढ़ेगी।
🌐 वैश्विक संदर्भ
अमेरिका ने भी हाल ही में ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की थी।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने नीति दरों को यथावत रखा लेकिन लिक्विडिटी बढ़ाई।
चीन ने भी अपने लेंडिंग रेट में नरमी दिखाई।
RBI रेपो रेट कटौती 2025 RBI का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मंदी के मुकाबले भारत को स्थिर रखने की एक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
📌 निष्कर्ष
RBI रेपो रेट कटौती 2025 सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है — यह संकेत है कि भारत अब विकास के लिए आक्रामक नीति अपना रहा है। इससे बाजार में नकदी बढ़ेगी,निवेश करने वाली कंपनियों को लाभ होगा।
कंपनियों की वजह से रोजगार भी उपलब्ध हो सकता है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिलेगी।
हालांकि, बचत पर मिलने वाला ब्याज घटने की संभावना है, इसलिए निवेशकों को डायवर्सिफाई किए गए पोर्टफोलियो की ओर ध्यान देना चाहिए।